Education Motivational story in Hindi
Power of Education Motivational story in Hindi for success
शिक्षा अनेक शब्दों से मिलकर बना हुआ शब्द है ! जैसे की ज्ञान , उचित आचरण , तकनिकी दक्षता , शिक्षण , और विद्या आदि ! आधुनिक युग में शिक्षा एक संस्था की तरह काम करती है ! जो व्यक्ति विशेष को समाज के साथ जुड़ा रखने का महत्वपूर्ण काम करती है ! वैसे शिक्षा शब्द का शाब्दिक अर्थ सीखना और सिखाना होता है !
महान विद्वानों ने शिक्षा को तीन भागो में विभाजित किया है ! ( 1 ) ओपचारिक शिक्षा ( 2 ) निरौपचारिक शिक्षा ( 3 ) अनौपचारिक शिक्षा
ओपचारिक शिक्षा : – ओपचारिक शिक्षा वह होती है जो school और collage व् Universities में दी जाती है ! उसे ओपचारिक शिक्षा कहते है !
निरौपचारिक शिक्षा : – यह वैसे तो यह ओपचारिक शिक्षा की तरह ही होती है लेकिन इसे school और collage या यूनिवर्सिटीज के बंधन में नहीं बांधा जाता है ! इस प्रकार की शिक्षा बुजुर्ग महिलाओ और पुरुषो कामकाजी महिलाये या school जाने में असमर्थ बच्चो को दी जाती है !
अनौपचारिक शिक्षा :- वह शिक्षा प्रणाली जिसकी कोई निश्चित योजना नहीं होती है और ना ही कोई निश्चित पाठ्यक्रम होता है तथा यह शिक्षा प्रणाली आकस्मिक रूप से चलती आती है !
शिक्षा की अनोखी शक्ति का एक प्रशंग आपके सामने रख रहा हु !
शिक्षा की अनोखी शक्ति
बात है एक गाँव के छोटे से school की जहा लगभग सैंकड़ो बच्चे पढ़ते थे ! एक समय की बात है जब कक्षा 5 वी का परिणाम आया और तीन बच्चो ने मिलकर 5 वी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया ! यानी तीनो लडको को समान समान अंक प्राप्त हुए !
गाँव के प्रधान ने तीनो बच्चो को धन्यवाद दिया और सुभकामनाये दी और बोले आपने गाँव का नाम रोशन किया है ! आप जो भी मांगना चाहते हो में तुम्हे प्रोत्साहन के रूप में वही देना चाहता हु ! तीनो बच्चे बहुत खुश हुए और मांगना start किया !
बच्चो के प्रोत्साहन के लिए school की तरफ से गाँव के प्रधान को आमंत्रित किया गया ! और बच्चो को बुलाया गया !
पहला बच्चा
महारज आप बहुत अमीर है आपके पास धन की कोई कमी नहीं है ! आपके पास बंगले है होटल है गाड़ी है ! आप मुझे एक बंगला और एक गाड़ी दे दीजिये ताकि में आराम से रह सकू और बड़ा होकर गाड़ी में मोज मस्ती कर सकू !
दूसरा बच्चा
जी महारज आप के पास पैसा भी बहुत है आप मुझे कुछ पैसा दीजिये ताकि में आराम से ऐस कर सकू और अच्छा खा सकू अच्छे कपडे पहन सकू ! प्रधान ने दोनों बच्चो की मांग पूरी की ! अब बारी है तीसरे लड़के की जो अभी शांत बैठा हुआ है !
तीसरा लड़का
यह लड़का अभी शांत बैठा हुआ है उसको समझ नहीं आरहा की आखिर मुझे गाँव के प्रधान से क्या लेना चाहिए ! लड़का कुछ समय बाद बोलता है प्रधान जी में बहुत गरीब हु आप बस मेरे उपर दया करदो की मुझे पूरी पढाई करवा देना में पढ़ नहीं सकता बस इतना अहसान करदो ! राजा ने तीनो बच्चो की ईच्छा पूरी करने का संकल्प लिया !
कुछ दिनों बाद
समय बीतता गया लड़के बड़े होते गये ! एक समय ऐसा आया की गाँव में बहुत तेज बाढ़ आई और पहले लड़के का बंगला पानी में बह गया और आप भी जानते है की एक निश्चित रखा हुआ धन अधिक समय तक नहीं रुकता वो ख़त्म हो जाता है और ऐसा ही दुसरे लड़के के साथ हुआ ! और तीसरा लड़का पढ़ लिख कर उसी school में teacher बन गया !
एक दिन वो दोनों लड़के अपने दोस्त जो teacher है उसके पास जाते है ! और बोलते है भाई अगर हम भी उस दिन गाँव के प्रधान से पढने का प्रोत्साहन मांग लेते तो आज हमे यह दिन देखने को नहीं मिलते आज हम बर्बाद हो चुके है हमारे पास कुछ नहीं है !
सीख
धन हमेशा चलता फिरता रहता है यह हमेशा हमारे पास नहीं रह सकता लेकिन शिक्षा हमारे पास हमेशा रहती है ! आपका भाई आपका धन बटवा सकता है लेकिन आपकी शिक्षा नहीं ! हम धन से धनवान नहीं बन सकते लेकिन शिक्षा से हम जरुर धनवान बन सकते है ! हमे उन दोनों बच्चो की तरह कोई कदम नहीं उठाना चाहिए ताकि हम जीवन भर पछताए !
मेरी शिक्षा ही मेरे घर की सम्पत्ति है …….
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